— क्या काम है आपको ?
क्या काम है, जल्दी बोलिए ।
— कुछ नहीं, हुज़ूर !
अपनी हाज़िरी बनाने चला आया हूँ।
— ठीक है, ठीक है
बोलिए, आप अँग्रेज़ी के पक्ष में
कि अँग्रेज़ी के विरोध में ?
— विरोध में कैसे हो सकते हैं, माई-बाप !
आप जो कहेंगे वही करेंगे, हुज़ूर,
आप दिन को कहेंगे रात
तो हम रात कहेंगे,
और रात को कहेंगे दिन
तो दिन कहेंगे श्रीमान् !
— ठीक है, ठीक है ।
बोलिए तो, कीजिए तो ट्रांसलेट —
मैं ही तो हूँ ।
— हें, हें, सर,
इट इज बट आई ! ठीक कहा न, हुज़ूर !
— अरे ओ बनर्जिया !
बोलो तो, ठीक ट्रांसलेट किया कि नहीं ?
— हाँ सर, ठीक किया है —
दांत निपोड़ कर बोलता है मरियल बनर्जी ।
— ठीक है, ठीक है ।
आप किस चीज़ के प्रोफ़ेसर हैं ?
— केमेस्ट्री के, सर !
— कहाँ पढ़ाते हैं ?
— रामजतन सिंह यादव कॉलेज, बखितियारपुर में, सर !
— अरे, साला ! बूढ़वा रामजतना के कॉलेज में ।
— ठीक है, ठीक है, आने दीजिए आपके भीसी को
आपका ट्रांसफ़र करवा देते हैं, सी० एन० कॉलेज, पटना में ।