Last modified on 3 अगस्त 2020, at 22:17

अंकों का व्यवहार / सुरेश कुमार मिश्रा 'उरतृप्त'

एक दो तीन चार
अच्छा करना तुम व्यवहार।
पाँच छह सात आठ
पाओगे तुम सबका प्यार।
नौ के बाद दस है
अब गिनती बस है।