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अंगद जैसा पैर जमा / प्रभुदयाल श्रीवास्तव
Kavita Kosh से
"अ" अनार का बोला था।
"आ" म पेड़ से तोड़ा था।
"इ" मली सच में खट्टी है।
"ई" ख बहुत ही मिट्ठी है।
"उ" ल्लू बैठ डाल पर।
"ऊ" न रखा रूमाल पर।
"ए" ड़ी फट गई धूप में।
"ऐ" नक गिर गई कूप में।
"ओ" खल में मत रखना सिर।
"औ" रत अभी गई है घर।
"अं" गद जैसा पैर जमा।
"अः" अः कर फिर चिल्ला।