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अंगिका कविता कोश (हाथे-हाथ कविता), बेगूसराय, बिहार

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विश्व अंगिका महासभा के पाँच वर्ष पूरे होने तथा अंगिका कविता कोश में अंगिका की 1000 रचनाओं को स्थान मिलने की ख़ुशी में 26 जून 2016 को हाथे-हाथ कविता वैचारिक गोष्ठी का आयोजन विश्व अंगिका महासभा के प्रधान कार्यालय, सरस्वती निवास, चट्टी रोड रतनपुर बेगूसराय में किया गया। राहुल शिवाय के पिता श्री श्याम नंदन झा ने सर्वप्रथम फूलमाला पहनकर सभी अतिथियों का स्वागत किया।

गोष्ठी का उदघाटन अंगिका कविता कोश के सह संपादक डॉ. अमरेन्द्र, राहुल शिवाय, वरिष्ठ साहित्यकार / कवि कस्तूरी झा 'कोकिल', अनिरुद्ध प्रसाद विमल, हीरा प्रसाद 'हरेन्द्र' और चन्द्रप्रकाश जगप्रिय ने दीप प्रज्जवलित करके किया। इसके अलावा सभा में सुधीर कुमार 'प्रोग्रामर', गौतम सुमन, श्याम नंदन झा, डॉ जयंत जलद, धीरज पंडित, जगदीश यादव, नरेंद्र सिंह, मनोरंजन विप्लवी, मिथिलेश कुमारी, राकेश राज, महादेव ठाकुर आदि उपस्थित थे।

स्वागत भाषण करते हुए संचालक और अंगिका कविता कोश के सह संपादक राहुल शिवाय ने सबका अभिनन्दन किया। इसके साथ ही अंगिका कविता कोश के द्वारा अंगिका साहित्य के लिए किए गए कार्यों से उन्होनें लोगों को अवगत कराया। राहुल शिवाय ने बेगूसराय ने कहा- "कविता कोश एप्लीकेशन के द्वारा अब कविता लोगों के हाथों में पहुँच गई है। हमें कविताओं या पुस्तकों को ढूंढने के लिए अब पुस्तकालय जाने की जरूरत नहीं होगी। आप मोबाईल उठाइये और kavitakosh.org या कविता कोश app तक पहुंचिए।"

सभा को संबोधित करते हुए डॉ. अमरेंद्र ने ललित कुमार को धन्यवाद देते हुए कहा- "ललित जी अंगिका भाषी नहीं हैं पर उन्होनें अंगिका भाषा के लिए जो किया है वह अंगिका को नई रौशनी प्रदान करेगा। मैं आशा करता हूँ कि हम अंगिका भाषी भी कविता कोश के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह करेंगे।"

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सभा को सम्बोधित करते हुए श्री कस्तूरी झा कोकिल ने कहा, "नई तकनीक के सम्बन्ध में मैं अधिक नहीं जानता हूँ पर राहुल ने जितना मुझे बताया है इससे कह सकता हूँ कि यह अंगिका के हित में है और हमें इसका सदुपयोग करना चाहिए।"

श्री चंद्रप्रकाश जगप्रिय ने अंगिका कविता कोश को अंगिका भाषा के लिए वरदान माना। सत्र के अंत में श्री अनिरुद्ध प्रसाद विमल ने अंगिका कविता कोश तथा विश्व अंगिका महासभा के कार्यों को वामन का पहला कदम बताया और आगे के लिए सबको उत्साहित किया।

सभा के दूसरे सत्र में चार पुस्तकों नदी नदी रौद (डॉ. शिवनारायण की कविताओं का डॉ अमरेंद्र द्वारा अंगिका अनुवाद); आग राज (अनिरुद्ध प्रसाद विमल); अंग जल (सुधीर कुमार प्रोग्रामर); प्रतिज्ञा भंग (सुरेन्द्र यादव) का विमोचन हुआ।

सभा के अंतिम सत्र में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। हीरा प्रसाद हरेन्द की कविता दमकल देखी लेलों, जगप्रिय जी की कविता सांप और सुधीर कुमार प्रोग्रामर की गजल अत्यंत पसंद की गई। दिनेश तपन ने अंगिका दोहा और मुकरी प्रस्तुत की तो अनिरुद्ध प्रसाद विमल और कस्तूरी झा कोकिल ने अपने गीतों से सभा का मनोरंजन किया। अंत में समय सुरभि अनन्त के सम्पादक नरेंद्र जी के द्वारा धन्यवाद ज्ञापन हुआ।