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अंगीकृत / महेन्द्र भटनागर

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ओ विशालाक्षी
नील कंठाक्षी
शुभांगी !
शाप
जो तुमने दिया

अंगीकृत !

ओ पयस्विनी
कल्याणी !
विषज उपहार
जो तुमने दिया

स्वीकृत !

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