पीले अनाज के बीच वह अंजुरी बना खड़ा है
अकेला, अंजुरी बना,
पके हुए पीले अनाज में बीच खड़ा है
दिन भर।
अन्नपूर्णा, अन्न दो... कह कर वह
कई हजार विस्तृत खेतों के बीच
अकेला खड़ा है।
पूर्ण हो जाता है उसका शून्य करतल।
पीले अनाज के बीच वह अंजुरी बना खड़ा है
अकेला, अंजुरी बना,
पके हुए पीले अनाज में बीच खड़ा है
दिन भर।
अन्नपूर्णा, अन्न दो... कह कर वह
कई हजार विस्तृत खेतों के बीच
अकेला खड़ा है।
पूर्ण हो जाता है उसका शून्य करतल।