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अंतोळो / सांवर दइया
Kavita Kosh से
सोळै बरसां तांई
लगोलग
पोथ्यां रा पानां
फिरोळती रैयी ऐ आंख्यां
कीं कोनी हुयो
पण
आं दो बरसां में
“नो वेकेंसी – नो वेकेंसी”
पढतां-पढतां
आंख्यां कमजोर हुयगी
अबै कीं कोनी सूझै ।