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अइले दिवाली लै केॅ जोतिया के धार / बैकुण्ठ बिहारी
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अइले दिवाली लै केॅ जोतिया के धार
हमरी टुटली झोपड़िया में बसै छै अन्हार
पेटवा जरै छै हमरोॅ दिन आरो राती
जरी-जरी हारी जाय छै दियरा के बाती
कहाँ से सजैवै हमें दिया के कतार
चान सुरूज के डेरा हमरी झोपड़िया
सगरे दुआर झलकै एक्को नै केबड़िया
केना केॅ अइत लछमी हमरोॅ दुआर
कहियो तेॅ लछमी फेरती नजरिया
आँखोॅ के जोत गेलै जोहतें डगरिया
भेलै उमरिया चालिसोॅ के पार
साथैं दलिदरा के बितलै उमरिया
हेनो कि तोड़ली नै जाय नेह-डोरिया
मिली-जुली रहबै की आबेॅ दोनों यार