मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
अओ शिवशंकर त्रिपुरारी
कओन विधि निमहब हो बाबा, बिपति पड़ल सिर भारी
धरहि प्रतिज्ञा केलौं बाबा, कामरु लेल उठाई
जँ एहि बेर भोला पार लगाएब, आयब फेरू अगारी
भक्त अहाँक पुकारि रहल अछि, राखब लाज विचारी
बनि सेवक हम द्वार ठाढ़ छी, बनल हीन दुखियारी
मनक आस पूरल नहि दानी, कयल कतबो सेवकाई
जाबत धैर्य धरब अपने पर, ताबत ठाढ़ दुआरी
अओ शिवशंकर त्रिपुरारी