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अकेली औरत / रघुवीर सहाय

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मोहन बीमार पड़ा
कमला को लगा कि वह अब सारी दुनिया को
छोड़कर उसके पास आया है

दो दिन ऐसा रहा
फिर मोहन रोग के एकांत के भीतर
और कहीं चला गया
कमला फिर अकेली रह गई कमला