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अखबार - दो / ओम पुरोहित कागद
Kavita Kosh से
प्रैस रै मुंडै स्यूं
निकळयोड़ी गाळ !
जकी
दिनूगै-दिनूगै निकलै
अर
सिंझ्या स्यूं पै‘ली पै‘ली
बिक लेवै !