अख़बारों के कवर किताबों पर
विज्ञापन हैं मढ़े गुलाबों पर
चाबुक दिन के, चलते पीठों पर
रात कमीशन लेती ख़्वाबों पर
मुल्क़ हो गया है कारिंदों का
लगे ठगी के जुर्म नवाबों पर
हर सूरत पर कालिख़ पुती हुई
नाम-नाम लिख लिया नक़ाबों पर
अख़बारों के कवर किताबों पर
विज्ञापन हैं मढ़े गुलाबों पर
चाबुक दिन के, चलते पीठों पर
रात कमीशन लेती ख़्वाबों पर
मुल्क़ हो गया है कारिंदों का
लगे ठगी के जुर्म नवाबों पर
हर सूरत पर कालिख़ पुती हुई
नाम-नाम लिख लिया नक़ाबों पर