भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
अख़बार / शंख घोष
Kavita Kosh से
|
हिन्दी शब्दों के अर्थ उपलब्ध हैं। शब्द पर डबल क्लिक करें। अन्य शब्दों पर कार्य जारी है।
रोज़
सुबह के अख़बार में
एक शब्द
बर्बरता
अपनी
सनातन अभिधा का
नित नया विस्तार
ढूँढ़ता है ।
मूल बंगला से अनुवाद : नील कमल