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अगर इस ज़िन्दगी के पार जाना है / रंजना वर्मा
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अगर इस ज़िन्दगी के पार जाना है।
सभी गम तो तुम्हें अपने भुलाना है॥
जमाने में है सारे स्वार्थ के रिश्ते
इन्हीं के साथ तुमको भी निभाना है॥
सुना मौसम यहाँ पतझार से है सब
सुमन उम्मीद का कोई खिलाना है॥
नहीं जानी मोहब्बत में वफ़ा जिसने
उसी के साथ अब जीवन बिताना है॥
चलो छोड़ो भी ये संसार की बातें
हमें किस्सा तुम्हें अपना सुनाना है॥
सुना इतिहास दोहराया सदा जाता
इसी को तो हमें भी आजमाना है॥
बहुत देखे जमाने के चलन यारों
चलन कोई नया हम को चलाना है॥