भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

अगर कोई कविता बस इतनी ही हो… / हेमन्त शेष

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

अगर कोई कविता बस इतनी ही हो …

अगर आप किसी तरह पहला वाक्य लिखने में सफल हो जाएं
तो जरूरी नहीं है लिख सकें दूसरा भी
और इस तरह इसे एक वाक्य की कविता होने का गौरव प्रदान करें