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अगर मुझ से मोहब्बत है / राजा मेंहदी अली खान
Kavita Kosh से
अगर मुझ से मोहब्बत हैं, मुझे सब अपने गम दे दो
इन आँखों का हर एक आँसू, मुझे मेरी कसम दे दो
तुम्हारे गम को अपना गम बना लू, तो करार आये
तुम्हारा दर्द सीने में छूपा लू, तो करार आये
वो हर शय जो, तुम्हे दुःख दे, मुझे मेरे सनम दे दो
शरीक-ए-जिन्दगी को क्यों, शरीक-ए-गम नहीं करते
दुखों को बाटकर क्यों, इन दुखों को कम नहीं करते
तड़प इस दिल की थोड़ी सी, मुझे मेरे सनम दे दो
इन आँखों में ना अब मुझको कभी आँसू नजर आये
सदा हँसती रहे आँखे, सदा ये होंठ मुसकाये
मुझे अपनी सभी आहे, सभी दर्द-ओ-आलम दे दो