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अगर मेघ गरजे बरसता नहीं / बाबा बैद्यनाथ झा

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अगर मेघ गरजे बरसता नहीं
अभी चीन देखो सुधरता नहीं

चले चाल गन्दी घिनौनी कहो
कभी सामने में अकड़ता नहीं

सभी गालियाँ ही उसे दे रहे
कहें आप है यह विफलता नहीं?

करे पीठ पीछे सदा घात वह
बुरा ढंग अपना बदलता नहीं

बढ़ा हाथ आगे करे दोस्ती
मगर धूर्तता से निकलता नहीं

मरे लोग लाखों, बचे मर रहे
बड़ा संगदिल है पिघलता नहीं