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अगर यूँ ही ये दिल सताता रहेगा / ख़्वाजा मीर दर्द
Kavita Kosh से
अगर यों ही ये दिल सताता रहेगा
तो इक दिन मेरा जी ही जाता रहेगा
मैं जाता हूँ दिल को तेरे पास छोड़े
मेरी याद तुझको दिलाता रहेगा
गली से तेरी दिल को ले तो चला हूँ
मैं पहुँचूँगा जब तक ये आता रहेगा
क़फ़स<ref>पिंज़रा</ref> में कोई तुम से ऐ हम-सफ़ीरों
ख़बर कल की हमको सुनाता रहेगा
ख़फ़ा हो कि ऐ "दर्द" मर तो चला तू
कहाँ तक ग़म अपना छुपाता रहेगा
शब्दार्थ
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