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अगर हाथी एक जीव है और मच्छर भी / हेमन्त शेष
Kavita Kosh से
अगर हाथी एक जीव है और मच्छर भी
तो दोनों की 'मात्रा और भार' के फर्क को
कविता-प्रयोजन में कैसे समझें
दुख है प्रगतिशील-काव्य सिद्धान्त
इस दिशा में हमारी कोई मदद नहीं करते
अब आप को क्या समझाना
हाथी और मच्छर पर लिख कर
मैंने यही तो बात कहनी चाही थी