अच्छा मुन्ना, गंदा मुन्ना / श्रीप्रसाद
अच्छा मुन्ना हरदम हँसता
फूल हँसी के बिखराता है
गंदा मुन्ना तो बस हरदम
ऊँ-ऊँ रोए ही जाता है
अच्छा मुन्ना सजाधजा है
सुंदर से कपड़े पहने हैं
गंदा मुन्ना मैले कपड़े
पहना खड़ा है, क्या कहने हैं
अच्छा मुन्ना उठा सुबह ही
पढ़ने बैठा ध्यान लगाकर
गंदा मुन्ना उठा देर से
आठ बजे रोकर चिल्लाकर
अच्छा मुन्ना प्रथम रहा था
अपनी कक्षा में पढ़ने में
गंदा मुन्ना खुद कहता है
मुश्किल है कक्षा चढ़ने में
अच्छा मुन्ना आज मिला था
भले को रस्ता बतलाते
गंदा मुन्ना मुझे मिला था
राहगीर को खूब चिढ़ाते
अच्छा मुन्ना गाना गाता
और सुनाता कविता प्यारी
गंदा मुन्ना बक-बक करता
बात बुरी करता है सारी
अच्छा मुन्ना खेलों में भी
सदा कमाल दिखाता अपना
गंदा मुन्ना तो ऊधम का
केवल देखा करता सपना
अच्छा मुन्ना मदद करेगा
कोई उससे देखे कहकर
गंदा मुन्ना बात मदद की
सुनके चलता मुँह बिचकाकर
अच्छा मुन्ना बात मानता
माँ की, पापा जी की, सबकी
गंदा मुन्ना छोड़ चुका है
ऐसी अच्छी आदत कब की
अच्छा मुन्ना मिलकर रहता
सबका ही आदर करता है
गंदा मुन्ना तो ऐसा है
कौन नहीं उससे डरता है
अच्छा मुन्ना अपनी दादी से
रोज कहानी सुनता है
गंदा मुन्ना, उससे तो
घर भर दुखियाकर सिर धुनता है
अच्छा मुन्ना भी लड़का है
लड़का ही गंदा मुन्ना है
तुम बोलो अब इन दोनों
में से तुमको किसको चुनना है।