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अजंता के लिए / गुल मकई / हेमन्त देवलेकर

दीमक की तरह
लकड़ी के ठोस बंद में
रास्ते बनाकर प्रवेश करना
लकड़ी की नागरिकता पाना है ।
चट्टानों के बारे में ऐसा सोचें तो...?
चट्टानों के कठोर में
उनके जन्मजात बंद में,
कालातीत मौन में प्रवेश कर
उसकी अस्थियों में घूमें
- मज्जा बनें
अज्ञात रगों में रक्त की तरह बहें ।
जिज्ञासा ऐसा वेगवान और उद्विग्न आगंतुक
कि पत्थरों के बंद दरवाजे अपने आप खुल जाते
चट्टानों के घर का आदिम बाशिंदा है अंधकार
आश्चर्य से फटी आँखें
चकित होठों और
गर्वोन्नत मस्तकों का प्रकाश लेकर
गुफाओं में सूर्योदय की तरह प्रवेश करना
पत्थरों की नागरिकता पाना है।