अज़ल<ref>सृष्टि का प्रारम्भ
</ref> जाँ-ब-लब उसके शेवन<ref>व्यवहार
</ref> से है
ये नादिम<ref>शर्मिन्दा </ref> मेरे ज़ूद-कुश्तन<ref>शीघ्र मरण
</ref> से है
वो बदख़्वाह<ref>बुरा चाहने वाला
</ref> मुझ-सा तो मेरा नहीं
अबस<ref>बेकार, नाहक
</ref> दोस्ती तुमको दुश्मन से है
मेरे दाग़ याद आये गुल देखकर
कि बेज़ार वह सैरे-गुलशन से है
जलाने से भी तेरा शाकिर<ref>शुक्रगुज़ार
</ref> हूँ मैं
गिला नाला-ए-अतिश-अफ़गन<ref>अग्निवर्षा करने वाला क्रन्दन
</ref> से है
शबे-ग़म मुए-शमअ को देखकर
हमें ख़िजलत<ref>शर्मसारी </ref> उस शोख़ बदज़न<ref>शंकालु प्रेयसी
</ref> से है
मेरा ख़ून क्या बाद गर्दन हुआ
कि बेताब वह दर्दे-गर्दन से है
जहाँ ख़ाक उड़ायी वहीं दब रहे
कदूरत अबस फ़िक्रे-मदफ़न<ref>समाधि की चिंता
</ref> से है
नयी कुछ नहीं अपनी जाँ-बाज़ियाँ<ref>जान पर खेलने वाले शौक़
</ref>
यही खेल हमको लड़कपन से है