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अटरिया चढ़ गई रे भई बदनाम / बुन्देली
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बुन्देली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
अटरिया चढ़ गई रे भई बदनाम।
पैली सीढ़ी जब चढ़ी दूजौ रिपटो पाँव।
लाजन मर गई रे भई बदनाम। अटरिया...
तीजी सीढ़ी जब चढ़ी चौथें रिपटो पाँव,
लाजन मर गई रे भई बदनाम। अटरिया...
पाँचई सीढ़ी जब चढ़ी छँठई रिपटो पाँव,
लाजन मर गई रे भई बदनाम। अटरिया...
सातई सीढ़ी जब चढ़ी आँठई रिपटो पाँव,
लाजन मर गई रे भई बदनाम। अटरिया...
नौंवी सीढ़ी जब चढ़ी गोरी उजागर हो गई रे,
लाजन मर गई रे भई बदनाम। अटरिया...
पाँच रूपैया मृगा कौ माँगे औ दस माँगे कुतवाल,
मैं लाजन मर गई रे।