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अठाइस / आह्वान / परमेश्वरी सिंह 'अनपढ़'

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माँग रही हे भारत माता मोल दूध का दे दो
जब ललकार उठा सीमा पर, दुश्मन की सुधि ले लो
बेटा जाग उठो! सीमा पर, रिपु दल को दहला दो
दुश्मन की बलि के रक्तो से भारत को नहला दो

पीकर जिसका नीर सुधासम, लेकर विविध समीर
खींच साँस में बड़े हुए हो, उसके हित लो तीर
बहुत हो गया ओर नहीं अब होने देना
बहुत खो गया और नहीं अब खोने देना

सब बकबास मिटाकर इंडिया अखंड बना दो
भारत माता माँग रही है मोल दूध का दे दो