अडानी अम्बानी / रणवीर सिंह दहिया
टांड पै बिठा जनता नै अम्बानी अडानी लूट रहे॥
फिरैं लड़ाते जात धर्म पै कुछ नेता खुले छूट रहे॥
मुट्ठी भर तो पावैं नौकरी कई लाख का पैकेज थ्यावै
बीच बीच में एक दो बै यूके फ्रांस के चक्कर लगावै
एम टैक आले पै मजबूरी या चपड़ासी गिरी करावै
बेरोजगारी बढ़ै रोजाना यो नौजवान खड्या लखावै
अडानी अम्बानी की कम्पनी कुछ तो चांदी कूट रहे॥
फिरैं लड़ाते जात धर्म पै कुछ नेता खुले छूट रहे॥
एक तरफ़ विकास का नारा लगता राज दरबारां मैं
कौन फालतू मुनाफा कमावै होड़ लगी साहूकारां मैं
इनके तलवे चाटें जावैं ये ना फ़र्क़ कोये सरकारां मैं
संकट इस विकास करकै आया किसानी परिवारां मैं
गंभीर संकट के चलते भरोसे जनता के इब टूट रहे॥
फिरैं लड़ाते जात धर्म पै कुछ नेता खुले छूट रहे॥
अम्बानी अडानी की लूट इस संकट की जड़ मैं देखो
जनता नै लड़वा जात धर्म पै लठ मारैं कड़ मैं देखो
जात धर्म पै भिड़वा दिए हुए फिरैं अकड़ मैं देखो
असली नकली म्हारै भी नहीं आये पकड़ मैं देखो
कितै गौमाता कितै गीता पर सिर ये म्हारे फूट रहे॥
फिरैं लड़ाते जात धर्म पै कुछ नेता खुले छूट रहे॥
दूसरे देश भी इस लूट मैं बड्डे हिस्सेदार बणे भाई
उनकी पूंजी ले अडानी उनके सूबेदार बणे भाई
एमरजेंसी लागू होगी देशद्रोही थानेदार बणे भाई
काले धन का जिकरा ना उन्के पहरेदार बणे भाई
कुलदीप हम क्यों रोजाना अपमान का पी घूंट रहे॥
फिरैं लड़ाते जात धर्म पै कुछ नेता खुले छूट रहे॥