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अडीक / कन्हैया लाल सेठिया
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अडीके
मन री
अचपळी छोरी
बैठी रवै
आँख्याँ रै
झरोखां मे,
अै कान-
बीं मदगैली रा
कामेती
ऊभा रवै
आठों पौर !