भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

अतीत एक मनोरम नगर है / गुलशन मधुर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

अतीत एक मनोरम नगर है
हो आया करें वहां जब-तब
जब भी मन कुछ
उकता जाए, घबरा जाए
बिता आया करें
अपने अवकाश के क्षण वहां

क्योंकि हम उसका नवीकरण कर रहे हैं
उस शहर को नए सिरे से बसा रहे हैं
सजा, संवार रहे है
सारे झाड-झंखाड़ साफ़ कर रहे हैं
बहुत सारे नए पेड़-बूटे रोप दिए हैं
ताकि आपका मन उसमें लगता रहे
भर रहे हैं
प्रश्नचिह्नों वाले सभी रिक्त स्थलों को
बहुत सटीक लगने वाले उत्तरों की इबारत से
जो वह था, अपूर्ण था
उसमें जितना कुछ बीता
हमने उसमें बहुत कुछ जोड़ दिया है
जो हम चाहते है कि बीता होता

यह अतीत बहुत सुन्दर है
उससे कहीं अधिक सुन्दर, अधिक मनोरम
जितना वह तब था, जब वह सचमुच था
जब मन हो घूम आया करें
सचमुच
अतीत बहुत मनोरम स्थल है