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अतीत से भविष्य में / प्रेरणा सारवान
Kavita Kosh से
अतीत की
उन ऊँची पहाड़ियों पर
जहाँ प्रेम का
नीला समुंदर
हिलोरें भरता है
तुम मुझे
सपनों का
छोटा - घर बना दो
मुझे चाहिए
एक ऐसा संसार
जहाँ आकाश से
फूल गिरें
सितारों की धरती हो
जहाँ पेड़ों पर
चाँद उगता हो
मुझे जीने दो
सपनों की दुनिया में
बाहर मत निकालो
मत धकेलो
भविष्य की खाई में
मुझे जीने दो
सपनों की दुनिया में।