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अधिक बलि से युक्ति जीतती / मुस्कान / रंजना वर्मा
Kavita Kosh से
तँग आ कर भूखी बिल्ली से
चूहों ने योजना बनायी।
सब मिलजुल कर एक साथ
छेड़ें बिल्ली से खुली लड़ाई॥
नन्हे नन्हे तिनकों से मिल
कर जब है फंदा बन जाता।
उस बन्धन से जंगल का
मतवाला हाथी भी बंध जाता॥
अतः अगर हम सब मिल छेड़ें
जंग, फतह निश्चय ही होगी।
सभी यातनाएँ मिट जायें
जो हैं हम ने अब तक भोगीं॥
किन्तु कहीं बिल्ली मौसी से
लड़ना भी है कोई ठट्टा?
उस ने चूहों की सेना पर
बढ़ कर मारा एक झपट्टा॥
कुछ भागे, कुछ मरे, शेष
भागे सब अपनी जान बचाकर
अधिक बली से युक्ति जीतती
भला मिला क्या जान गंवा कर॥