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अधूरी मौत का कर्ब / ज़ाहिद इमरोज़
Kavita Kosh से
उसे ने मुझ से मोहब्बत की
मैं ने उसे अपना सीना छूने को कहा
उस ने मेरा दिल चूम कर
मुझे अमर कर दिया
मैं ने उस से मोहब्बत की
उस ने मुझे दिल चूमने को कहा
मैं ने उस का सीना छू कर
उसे हिदायत बख़्शी
हम दोनों जुदा हो गए
जुदाई ने हमारे ख़्वाब ज़हरीले कर दिए
यक साँसी मौत अब हमारी पहली तरजीह है
तन्हाई का साँप हमें रात भर डसता रहता है
और सुब्ह अपना ज़हर चूस कर
अगली रात डसने के लिए
ज़िंदा छोड़ जाता है