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अनय और हम आमने सामने हैं / लाखन सिंह भदौरिया
Kavita Kosh से
अनय और हम आमने सामने हैं।
समय और हम आमने सामने हैं।
सृजन-ध्वंस कुरुक्षेत्र में आ खड़े हैं-
प्रलय और हम आमने सामने हैं।