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अनुसरण / देवी प्रसाद मिश्र

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गांधी बाबा
आप यह नहीं कह सकते कि
आपकी कोई चीज़
हमने
नहीं अपनाई,
आपकी लाठी
हमें
बहुत पसन्द आई।