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अनु-शासन / मोहिनी सिंह
Kavita Kosh से
भीड़ की दिशा तय हो
तय हो क़दमों का नाप
तय हो संख्या
तय हो कतार
जूतों के प्रकार
ताकि
ताकि भविष्य के इतिहास में मिलें
खालिस सामानांतर लकीरें
जमीन पर गहरी छपी
और हम गर्व करें
सबसे सुव्यवस्थित सभ्यता स्थापित करने का!