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अन्तिम प्रार्थना / अदनान कफ़ील दरवेश
Kavita Kosh से
चाँद —
दफ़ा हो जाओ
हवा —
मुझ तक सुगन्ध न लाओ
खिड़कियो —
बन्द हो जाओ
दीवालो —
और निकट आओ
छत —
मुझ पर झुक जाओ
बत्तियो —
गुल हो जाओ
धड़कनो —
थम जाओ
साँसो —
और न दबाओ
स्मृतियो —
दूर जाओ
अन्धेरो —
और गहराओ
कफ़न बनो
मुझ पर छा जाओ ।