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अन्त में देह / जया जादवानी

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एक पीले पड़ गए पत्ते पर
लिखती हूँ तुम्हारा नाम
देती हूँ उसे हरियाली
कोई दरवाज़ा खटखटा के मांगने आया है
उम्र मेरी...।