Last modified on 28 जनवरी 2019, at 15:46

अन्ना की मृत्यु पर प्रतिज्ञप्तियाँ / निकोलस गियेन / गिरधर राठी

{{KKRachna

मुखपृष्ठ  » रचनाकारों की सूची  » रचनाकार: निकोलस गियेन  » अन्ना की मृत्यु पर प्रतिज्ञप्तियाँ / निकोलस गियेन

पेट में लगी थी गोली, अन्ना गई मर ।
छर्रा धँसा उसकी शबीह में, मरी अन्ना ।
दो और दो चार, मर गई अन्ना ।
एक ही थी उसके बाँह, मर गई अन्ना ।

क्षय से, कुकुरमुत्तों से मरी अन्ना ।
औचक बमबारी से मरी अन्ना।
हिचकी से, नजले से, अन्ना गई मर ।
दे दिया गया था ज़हर, अन्ना गई मर ।

खाया बीमार एक केकड़ा, मरी अन्ना ।
चावल सफ़ेद और अण्डे, मरी अन्ना ।
गन्धक और सँखिया, मरी अन्ना ।

अन्ना गई मर क्योंकि थी वह ना-उम्मीद ।
अन्ना जो मरी उसका मर्ज़ न था रुमानी ।
अन्ना गई मर एक सिफ़लिस के घाव से ।

अँग्रेज़ी भाषा से अनुवाद : गिरधर राठी