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अन्ना / राजकुमार

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बाबू हो ई अन्ना के छै, अबकी ई बिरबन्ना के छै
गाँधी गेलै जे.पी. गेलै, जे भी ऐलै झेपी गेलै
समझी-बूझी खेपी गेलै, बोतल गेलै ठेपी गेलै
तइयो ई उमतैलोॅ कहिने, फड़फड़ कइनें पन्ना के छै
बाबू हो...
हम्में भ्रष्टाचार दुलरुआ, हम्हर्है पर इनरासन टिकलोॅ
आसन टिकलोॅ शासन टिकलोॅ, कुरसी-बेंच-सिंहासन टिकलोॅ
राशन अरु किरासन टिकलोॅ, भाव-भंगिमा भाषण टिकलोॅ
शोर सरंगोॅ में छै हम्हर्है, तइयो भेलोॅ हकन्ना के छै?
बाबू हो...

अबकी बेर हिनी ऐलोॅ छै, हमरोॅ जोॅड़ कबाड़ै लेली
अच्छा-अच्छा बूट लदलकै, ऐलै हिनी बजाड़ै लेली
सनकी चढ़लोॅ छै, ऐलोॅ हमरा आय पछाड़ै लेली
कब्बर खुद रोॅ खुद खानी केॅ, खुद सें खुद केॅ गाड़ै लेली
इन्द्रजीत-अक्षय छी हम्में, अबकी ई हनुमन्ना के छै
बाबू हो...

आग लगैनें छै सरँगोॅ में, नेंगड़ी एकरोॅ बढ़ले जाय छै
तहस-नहस करिए देतै की, टेंगरी एकरोॅ चढ़ले जाय छै
बढ़लो जाय छै बाढ़े नाखी, अड़लोॅ गाछ कबाड़नें जाय छै
कहिनोॅ सामत ऐलै अबकी, गड़लोॅ ‘राज’ उखाड़नें जाय छै
मारै लेली छिकै उतारू, अहिनोॅ ताज-तमन्ना के छै
बाबू हो...