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अपनी दुनिया सबसे न्यारी / दीनदयाल शर्मा
Kavita Kosh से
पलभर में लड़तें हैं हम सब
पलभर में मिलतें हैं हम सब
अपनी दुनिया सबसे न्यारी
लगती हमको सबसे प्यारी।