अपनी बेकारी ने यह काम किया।
घर छोड़ हर गली तक बदनाम किया।
यहां नहीं, चलो वहां मिल जायेगी,
इसी उम्मीद में भूगोल नाप लिया!
दस्तूरे-दफ़्तर देखा है अजीब,
पूछ्ते- पहले कहीं कुछ काम किया?
लाख बार ढूंढ़ा, नाम नहीं पाया,
हमने तो अख़बार सुबह-शाम लिया।
अब किससे, कहां, किस तरह करें बात,
इतना समझा हमें सरेआम दिया!