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अपने नवजात पुत्र की आकस्मिक मृत्यु पर / शहंशाह आलम
Kavita Kosh से
जो अपने जीवन के सौ साल चार महीने कुछ दिन
पूरे करने जा रहा था हमारे ही आस पास
आश्चर्य, वही बचा रहा ईश्वर की बर्बरता से
और ईश्वर की बनाई हुई मृत्यु से
जो अभी चार महीने कुछ दिन का हुआ था
वही मारा गया उसकी ज़िद के आगे
संभवतः ईश्वर, ईश्वर तभी कहलाता है
जब वह बर्बर साबित होता है।