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अपने पसंदीदा सवालों से क़द की नाप / श्याम कश्यप बेचैन
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अपने पसंदीदा सवालो से क़द की नाप
करते हैं लोग तंगख़यालो से क़द की नाप
अपनी मिसाल आप हैं वे लोग क्या करें
होती है इस जगह तो मिसालों से क़द की नाप
हमको उतार पाए न शीशे में वे कभी
करते रहे यूँ बाल के खालों से क़द की नाप
पैमाना हैं आप पैमाना ही रहें
करिए न अपने दिल के मलालों से क़द की नाप
कल अपनी छाँह थोप देंगे हमारे सर
बढ़वा रहें हैं अब जो दलालों से क़द की नाप
कितना है किसमें जर्फ़ बता दे साक़िया
करना तू जानता है पयालों से क़द की नाप
अच्छा है नंगे पाँव चलें ग़र पहुँच गए
मंज़िल करेगी पाँव की छालों से क़द की नाप