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अपन साख अब कैसे बचतो? / सच्चिदानंद प्रेमी
Kavita Kosh से
अपन साख अब कैसे बचतो?
गुरू सब दिन भर फिलिम देखतन-
चेला बेच के घोड़ा सूते।
चेलिन धरम सील मेटा के-
अपराधी के हर दिन न्योते।
इज्जत, मेधा, नेह-छोह, तन
जब सभ्भे पइसे पर विकतो।
अपन साख अब कइसे बचतो?