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अपहरण / दिनकर कुमार
Kavita Kosh से
कोमल भावनाओं का अनजाने में ही
हृदय के चौराहे से अपहरण किया गया
फिरौती के रूप में माँगा जा रहा है
सबसे हसीन सपना
चेतावनी दी गई है कि
सपने नहीं दिए गए तो
कोमल भावनाओं का वध किया जाएगा
कोई फायदा नहीं रपट लिखवाने से
कोई फायदा नहीं थाने में
सो रही है पुलिस
राजधानी में धुत्त पड़ी है सरकार
रिक्त हृदय को सांत्वना दे पाना
संभव नहीं
सांत्वना देने का रिवाज
प्रतिबंधित हो चुका है
अपहरणकर्ताओं का कोई नाम नहीं होता
कोई चेहरा नहीं होता
हृदय नहीं होता
हृदय में संजोकर रखी गई कोमल भावनाएँ नहीं होतीं
सूखे कुएँ की तरह अपने हृदय को लेकर
कहाँ जाऊँगा मैं कहाँ जाऊँगा