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अफवाहों के इस दौर में ऐसा भी हुआ है / शोभा कुक्कल

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अफवाहों के इस दौर में ऐसा भी हुआ है
जो मैं ने कहा भी नहीं वो उसने सुना है

शायद कि इलेक्शन में खड़ा होना है उसने
वो शख्स मुझे आज बहुत झुक के मिला है

होते हैं सफल काम इसी वास्ते मेंरे
हर वक़्त मिरे साथ बुज़ुर्गों की दुआ है

अन्ना से भी इस देश के हालात न सुधरे
रिश्वत का था जो हाल वही हाल रहा है

इंसान करे लाख जतन कुछ नहीं होता
मिलने का वही है जो मुक़द्दर में लिखा है

दुनिया में नहीं चैन किसी को भी तो हासिल
जिस शख्स को देखो वो मुसीबत में घिरा है

हक़ अपना किसी फूल पे गुलशन में नहीं अब
हर ख़ार पे ऐ 'शोभा' मिरा नाम लिखा है।