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अफ़्सुर्दा था मैं, वक़्त ने तेवर बदले / रमेश तन्हा

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अफसुर्दा था मैं, वक़्त ने तेवर बदले
इक पल ने मिरी सोच के पैकर बदले
बस बात ज़रा दिल को थी समझाने की
जैसे मिरी तक़दीर के चक्कर बदले।