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अबै तूं सुणलै आ साफ़ भायला / सांवर दइया
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अबै तूं सुणलै आ साफ़ भायला
मरता चाबां म्हैं आक भायला
बांनै समंदर म्हांनै छांट नईं
आ देख फाटगी बाक भायला
तीसूं रोज रा है रोवणा ऐ
म्हांनै कर अब तूं माफ़ भायला
कांई ठा कद चिपगी आ म्हारै
दुख चमचेड परै राख भायला
कद तांई बैठा उडीकां अबै
ना ’गोदो’ है ना डाक भायला