अब और प्रेम के फंद परे
हमें पूछत- कौन, कहाँ तू रहै ।
अहै मेरेह भाग की बात अहो तुम
सों न कछु 'हरिचन्द' कहै ।
यह कौन सी रीति अहै हरिजू तेहि
भारत हौ तुमको जो चहै ।
चह भूलि गयो जो कही तुमने हम
तेरे अहै तू हमारी अहै ।
अब और प्रेम के फंद परे
हमें पूछत- कौन, कहाँ तू रहै ।
अहै मेरेह भाग की बात अहो तुम
सों न कछु 'हरिचन्द' कहै ।
यह कौन सी रीति अहै हरिजू तेहि
भारत हौ तुमको जो चहै ।
चह भूलि गयो जो कही तुमने हम
तेरे अहै तू हमारी अहै ।