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अब खुदा से गिला कुछ नहीं / रंजना वर्मा
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अब खुदा से गिला कुछ नहीं
जो मिली वह सज़ा कुछ नहीं
लोग इल्ज़ाम हैं दे रहे
पर हमारी खता कुछ नहीं
मुफ़लिसी मौत बनने लगी
रब की लेकिन रज़ा कुछ नहीं
मिल रही है हमे क्यों सज़ा
ये हमे ही पता कुछ नहीं
लोग लफ्फाजियाँ कर रहे
आ रहा पर मज़ा कुछ नहीं
रहजनी कर रहे हैं सभी
अपनापन रह गया कुछ नहीं
झूठ का जब किया साथ तो
पास मेरे बचा कुछ नहीं