अब तसव्वुर में हक़ीक़त को भी लाना शामिल / रवि सिन्हा
अब तसव्वुर<ref>कल्पना (imagination)</ref> में हक़ीक़त को भी लाना शामिल
अब म’आनी में है नग़्मों का तराना शामिल
बे-नियाज़ी<ref>निस्पृहता (indifference)</ref> में तमन्ना भी कोई कौंध उठे
नागहानी<ref>आकस्मिकता (accidental)</ref> में कभी आप का आना शामिल
काम जो हुस्ने-तग़ाफ़ुल<ref>उपेक्षा (neglect)</ref> ने दिए हैं उनमें
बारहा बर्फ़ में आतिश को जगाना शामिल
चार दीवारे-अनासिर<ref>पंचतत्त्व (elements)</ref> में भी ज़ाती<ref>निजी ( private)</ref> क्या है
जिस्म से रूह के रिश्ते में ज़माना शामिल
ख़ल्क़े-आग़ाज़<ref>शुरुआती मनुष्यता (primitive humanity)</ref> ने दीवारे-ख़ला<ref>शून्य / अन्तरिक्ष की दीवार (wall of
nothingness/space)</ref> पे टाँगी
कारे-दुनिया<ref>दुनिया के काम (works of the world)</ref> में वो तसवीर हटाना शामिल
गरचे तहज़ीब उगी दामने-क़ुदरत ख़ुद ही
अब ज़राअत<ref>खेती (agriculture)</ref> में हो दहक़ाँ<ref>किसान (peasants)</ref> भी उगाना शामिल
नक़्शे-पा<ref>पाँव के निशान (footprints)</ref> वक़्त की इस रेत पे क्या छोड़ेंगें
अपनी फ़ितरत<ref>स्वभाव (nature)</ref> में महज़ ख़ाक उड़ाना शामिल
इन ख़तीबों<ref>भाषण-कर्त्ता (orator)</ref> में कहाँ क़ुव्वते-गोयाई<ref>अभिव्यक्ति की क्षमता (capacity to express)</ref> है
अब क़वाइद<ref>नियम, व्याकरण (rules, grammar)</ref> में हो जिद्दत<ref>नयापन,अविष्कार (innovation)</ref> को बुलाना शामिल
जा के पीरी<ref>बुढ़ापा (old age)</ref> में जो तख़्लीक़<ref>सृजन (creation)</ref> की हसरत जागी
हर नई बात में मज़मून पुराना शामिल