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अब मत देर लगाओ कान्हा / रंजना वर्मा
Kavita Kosh से
अब मत देर लगाओ कान्हा।
भारत में फिर आओ कान्हा॥
चारों ओर घिरा अँधियारा
कोई दीप जलाओ कान्हा॥
गली गली बिकतीं द्रुपदाएँ
आकर इन्हें बचाओ कान्हा॥
धर्म कर्म सब भुला रहे हैं
गीता पुनः सुनाओ कान्हा॥
शत्रु द्वार पर मन आशंकित
वीर भाव उकसाओ कान्हा॥
डोल रहे दर-दर आतंकी
चक्र सुदर्शन लाओ कान्हा॥
व्याकुल देश पुकार रहा है
फिर धरती पर आओ कान्हा॥